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Friday, July 20, 2012

दिल से......

दिल से : सिक्रेट्स ऑफ़ दा हिंदी  पोएट्री  ब्लोगर्स  हार्ट 

मैं दिल से सुबहोजी का धन्यवाद करना चाहती हूँ जिन्होंने हिंदी भाषा और ब्लोगर्स के लिए दिल से पोस्ट के जरिये  एक नयी शुरआत की है
इनके पोस्ट और ब्लॉग बेहत जानकारी पूर्वक होते है. किसी भी तरह का सुझाव बड़ी सरलता से पेश करते है.
हिंदी सुबहोजी के लिए भले ही थोड़ी कठिन हो लेकिन उनका प्रयास जरुर आगे तक जायेगा.
 मुझे बेहत प्रेरणा मिली है इस पोस्ट के जरिये और मैं चाहती हूं की हिंदी के प्रति जो रुझान लोगो में शेष है वो शेष न रहकर उच्च कोटि के स्तर सराहा पर जाये.

आभारी 
जसमीत 

Wednesday, July 18, 2012

ये स्तुति का अंत है

ये कविता हमारे विश्व की वर्तमान स्थिति के लिए लिखी गयी है 


आकृति से विकृति ,
अर्थ से अनर्थ है,
शब्द ही निशब्द है,
ये स्तुति का अंत है|

सम से असम है,
रक्त से सशक्त है,
उलझने प्रचंड है,
ये स्तुति का अंत है|

राम पर विराम है,
लक्ष्मी को प्रणाम है,
खंड से विखंड है,
ये स्तुति का अंत है|

वस्त्र ही निवस्त्र है ,
रंक ये कलंक है,
असत्य यहाँ संत है,
ये स्तुति का अंत है|

पूर्ण ये अपूर्ण है,
पूर्व ये अपूर्व है,
रोचकता ही बस मंत्र है,
ये स्तुति का अंत है|

Friday, July 13, 2012

बांवरा मन ............


बांवरा सा मन है मेरा,
ख्वाब है इसके बहुत बड़े,
कहता रंगभरी हो दुनिया, 
     और ज़िन्दगी खुशियों से भरे .......

कभी करता मन पंछी बन .
आसमां में उडती फिरू,
आशाओं की चादर ओड़,
         इक और जन्म मैं फिर से जियूं .......

कभी मन करता,
भंवर बन जाऊं,
फूलों की खुशबु से अपने,
         तन मन को महकाऊं ........

मिलता जब ठंडी हवा का झोंका,
करता मन फिर सागर बन जाऊ,
अपनी बहती लहरों से,
    सबके दिल को ठंडक पहुचाऊ.....

बांवरा सा मन है मेरा ,
चंचल है इसकी बातें,
कभी देखता दिन में सपने,
             काटता सारी जाग के रातें .............

होती इसकी सहर निराली,
सुबह सवेर बदलता रूप,
देख के बूंदों की झलक,
        बन जाता सतरंगी धुप .........

है भले बांवरा मन मेरा,
अकुलाये पलो को भी जीता है,
ना आता रोष इसे, 
ना दिल कभी यूँ रोता है .......
बांवरा सा मन है,
बस  ख्वाब  बड़े देखता है!

-- जसमीत

Sunday, July 1, 2012

आंसू

आंसू बहता है ,ये सभी जानते है,
जाता कहाँ है , क्या सोचा किसी ने?
छुपा है आँखों में,देखते है सभी,
कहता है क्या ये, क्या सोचा किसी ने?

हसता किसी को,रुलाता किसी को,
पर समझाता है क्या, क्या सोचा किसी ने?
कर देता है बयान , ख़ुशी या गम मन के,
पर छुपता है क्या, क्या सोचा किसी ने?

करा देता है चाहे, किसी से कुछ भी,
पर चाहता है क्या, क्या सोचा किसी ने ?
बहता है पानी, बहता है आसूं ,
फर्क है क्या इनमे,क्या सोचा किसी ने? 

निकाल देता है गम ये, जो दिल में छुपा है ,
है अमृत ये कैसा , क्या सोचा किसी ने?
कर देता है हल्का पल भर में , इस भारी से दिल को,
क्या चीज़ है ये आसूं , क्या सोचा किसी ने?

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